राज्य के सभी जरूरतमंद परिवारों को खाद्यान्न सहायता उपलब्ध कराने के लिए यह योजना राज्य में अप्रैल 2007 से लागू है.
1. राज्य के अतिरिक्त जरूरतमंद परिवारों को रियायती दर पर खाद्यान्न का प्रदाय
2. प्राथमिकता परिवार के लिये चावल की अतिरिक्त पात्रता का प्रावधान करना
3. खाद्यान्न के केंद्रीय निर्गम मूल्य की तुलना में अधिक रियायती दर पर ( ₹1 प्रति किलो) पर चावल का प्रदाय
निराश्रित, निशक्तजन तथा सामान्य परिवार हेतु इस योजना के अंतर्गत कुल 15.25 लाख राशन कार्ड जारी हैं तथा जिनमें शामिल 46.75 लाख सदस्यों को रियायती दर पर चावल प्रदाय किया जा रहा है.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से आयोडीन युक्त नमक वितरण की यह योजना राज्य में जनवरी 2004 से लागू है.
राज्य के नागरिकों को पोषण सुरक्षा तथा घेंघा रोग पर नियंत्रण हेतु आयोडीनयुक्त नमक का वितरण करना .
सभी अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले राशनकार्ड धारी परिवार.
अनुसूचित क्षेत्र में प्रति परिवार 2 किलो तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में प्रति परिवार 1 किलो निशुल्क.
राज्य के अनुसूचित एवं माडा क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से चना वितरण की योजना वर्ष 2013 से लागू है.
अनुसूचित एवं माडा क्षेत्रों में पोषण सुरक्षा तथा प्रोटीन की पूरक आपूर्ति हेतु चना का प्रदाय .
अनुसूचित एवं माडा क्षेत्रों के सभी अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले राशनकार्ड धारी परिवार.
प्रति परिवार 2 किलो, ₹5 प्रति किलो की दर से.
बस्तर संभाग के सभी जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गुड़ वितरण योजना जनवरी 2020 से लागू है.
बस्तर संभाग में हितग्राही परिवारों मे लौह तत्व की कमी के कारण एनीमिया की समस्या पर नियंत्रण हेतु भोजन में आयरन के पूरक स्रोत के रूप में गुड़ का वितरण.
बस्तर संभाग के सभी अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले राशनकार्ड धारी परिवार.
प्रति परिवार 2 किलो, ₹17 प्रति किलो की दर से.
छत्तीसगढ़ खाद्य और पोषण सुरक्षा अधिनियम की धारा 6 के प्रावधान अनुसार राज्य के आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावास एवं आश्रम में निवासरत छात्रों को बीपीएल दर पर चावल का प्रदाय किया जा रहा है. प्रत्येक छात्र को प्रतिमाह 15 किलो चावल की पात्रता निर्धारित की गई है.